जस्टिस पीयूष माथुर का इस्तीफा 

इंदौर . मप्र हाई कोर्ट के जस्टिस पीयूष माथुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी नियुक्ति 11 माह पहले हुई थी और वे ग्वालियर खंडपीठ में पदस्थ थे। प्रदेश में किसी जस्टिस के इस्तीफे की यह पहली घटना है। इस्तीफे का कारण निजी बताया जा रहा है। हालांकि मप्र हाई कोर्ट जबलपुर बेंच के रजिस्ट्रार जनरल टी.के. कौशल का कहना है कि उन्हें इस्तीफा मंजूर होने की सूचना अब तक नहीं मिली है।

मूलत: शाजापुर निवासी श्री माथुर ने लंबे समय तक हाई कोर्ट इंदौर में वकालत की और इंदौर में ही बस गए। उनकी पहचान ख्यात अधिवक्ताओं में थी। राष्ट्रपति भवन से जारी आदेश के तहत हाई कोर्ट जस्टिस नियुक्त कर मप्र में पदस्थ किया गया था। 

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अक्टूबर 09 को उन्होंने हाई कोर्ट जबलपुर में शपथ ग्रहण की और 20 अक्टूबर 2009 को ग्वालियर खंडपीठ में पदभार संभाला। श्री माथुर ने 1 सितंबर को अपना इस्तीफा सीधे राष्ट्रपति को भेजा था जिसमें लिखा था कि सितंबर की शाम 4.30 बजे बाद इस्तीफे को प्रभावी माना जाए। 3 सितंबर को इस्तीफास्वीकार किए जाने की बात सामने आई है। 
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महीने पहले ही हुई थी नियुक्ति
अब इंदौर लौटकर वकालत करूंगा
आपके इस्तीफे की सूचना है? 
जी हां, मैंने 1 सितंबर को इस्तीफा दिया था। संविधान के नियम मुताबिक बिना शर्त भेजा गया इस्तीफा तुरंत स्वीकार हो जाता है, इसलिए उम्मीद है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार हो गया होगा। हालांकि अधिकारिक तौर पर मुझे अभी जानकारी नहीं मिली है। व्यवस्थाओं से नाराज होकर आपने इस्तीफा दिया? नहीं , मैंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया। निजी कारण क्या हैं, यह मैं सार्वजनिक नहीं करना चाहता।
आगे की कोई योजना? 
मैंने 28 साल तक वकालत की है। इंदौर लौटकर वकालत ही करूंगा

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